कुंजबनमों गोपाल राधे -मीरां: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "१" to "1")
m (Text replace - "३" to "3")
 
(One intermediate revision by the same user not shown)
Line 34: Line 34:
कुंजबनमों गोपाल राधे॥ध्रु०॥
कुंजबनमों गोपाल राधे॥ध्रु०॥
मोर मुकुट पीतांबर शोभे। नीरखत शाम तमाल॥1॥
मोर मुकुट पीतांबर शोभे। नीरखत शाम तमाल॥1॥
ग्वालबाल रुचित चारु मंडला। वाजत बनसी रसाळ॥२॥
ग्वालबाल रुचित चारु मंडला। वाजत बनसी रसाळ॥2॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चरनपर मन चिरकाल॥३॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चरनपर मन चिरकाल॥3॥





Latest revision as of 10:10, 1 November 2014

चित्र:Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
कुंजबनमों गोपाल राधे -मीरां
कवि मीरांबाई
जन्म 1498
जन्म स्थान मेरता, राजस्थान
मृत्यु 1547
मुख्य रचनाएँ बरसी का मायरा, गीत गोविंद टीका, राग गोविंद, राग सोरठ के पद
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
मीरांबाई की रचनाएँ

कुंजबनमों गोपाल राधे॥ध्रु०॥
मोर मुकुट पीतांबर शोभे। नीरखत शाम तमाल॥1॥
ग्वालबाल रुचित चारु मंडला। वाजत बनसी रसाळ॥2॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चरनपर मन चिरकाल॥3॥

संबंधित लेख