जमुनाजीको तीर दधी बेचन जावूं -मीरां: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "१" to "1")
m (Text replace - "४" to "4")
 
(2 intermediate revisions by the same user not shown)
Line 34: Line 34:
जमुनाजीको तीर दधी बेचन जावूं॥ध्रु०॥
जमुनाजीको तीर दधी बेचन जावूं॥ध्रु०॥
येक तो घागर सिरपर भारी दुजा सागर दूर॥1॥
येक तो घागर सिरपर भारी दुजा सागर दूर॥1॥
कैसी दधी बेचन जावूं एक तो कन्हैया हटेला दुजा मखान चोर॥ कैसा०॥२॥
कैसी दधी बेचन जावूं एक तो कन्हैया हटेला दुजा मखान चोर॥ कैसा०॥2॥
येक तो ननंद हटेली दुजा ससरा नादान॥३॥
येक तो ननंद हटेली दुजा ससरा नादान॥3॥
है मीरा दरसनकुं प्यासी। दरसन दिजोरे महाराज॥४॥
है मीरा दरसनकुं प्यासी। दरसन दिजोरे महाराज॥4॥


</poem>
</poem>

Latest revision as of 10:44, 1 November 2014

चित्र:Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
जमुनाजीको तीर दधी बेचन जावूं -मीरां
कवि मीरांबाई
जन्म 1498
जन्म स्थान मेरता, राजस्थान
मृत्यु 1547
मुख्य रचनाएँ बरसी का मायरा, गीत गोविंद टीका, राग गोविंद, राग सोरठ के पद
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
मीरांबाई की रचनाएँ

जमुनाजीको तीर दधी बेचन जावूं॥ध्रु०॥
येक तो घागर सिरपर भारी दुजा सागर दूर॥1॥
कैसी दधी बेचन जावूं एक तो कन्हैया हटेला दुजा मखान चोर॥ कैसा०॥2॥
येक तो ननंद हटेली दुजा ससरा नादान॥3॥
है मीरा दरसनकुं प्यासी। दरसन दिजोरे महाराज॥4॥

संबंधित लेख