कुशलगीत -मैथिलीशरण गुप्त: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('{{पुनरीक्षण}} {| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
m (Text replace - "अविभावक" to "अभिभावक")
 
(2 intermediate revisions by one other user not shown)
Line 9: Line 9:
|जन्म=[[3 अगस्त]], 1886
|जन्म=[[3 अगस्त]], 1886
|जन्म भूमि=चिरगाँव, [[झाँसी]], [[उत्तर प्रदेश]]
|जन्म भूमि=चिरगाँव, [[झाँसी]], [[उत्तर प्रदेश]]
|अविभावक=सेठ रामचरण, काशीबाई
|अभिभावक=सेठ रामचरण, काशीबाई
|पति/पत्नी=
|पति/पत्नी=
|संतान=
|संतान=
Line 54: Line 54:
{{भारत के कवि}}
{{भारत के कवि}}
[[Category:मैथिलीशरण गुप्त]]
[[Category:मैथिलीशरण गुप्त]]
[[Category:लेखक]]
[[Category:साहित्य कोश]]
[[Category:साहित्य कोश]]
[[Category:जीवनी साहित्य]]  
[[Category:काव्य कोश]]  
[[Category:आधुनिक साहित्य]]
[[Category:आधुनिक साहित्य]]
[[Category:पद्य साहित्य]]
[[Category:पद्य साहित्य]]

Latest revision as of 04:58, 29 May 2015

चित्र:Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
कुशलगीत -मैथिलीशरण गुप्त
कवि मैथिलीशरण गुप्त
जन्म 3 अगस्त, 1886
मृत्यु 12 दिसंबर, 1964
मृत्यु स्थान चिरगाँव, झाँसी
मुख्य रचनाएँ पंचवटी, साकेत, यशोधरा, द्वापर, झंकार, जयभारत
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
मैथिलीशरण गुप्त की रचनाएँ

हाँ, निशान्त आया,
तूने जब टेर प्रिये, कान्त, कान्त, उठो, गाया---
चौँक शकुन-कुम्भ लिये हाँ, निशान्त गाया ।
          आहा! यह अभिव्यक्ति,
          द्रवित सार-धार-शक्ति ।
          तृण तृण की मसृण भक्ति
                        भाव खींच लाया ।
तूने जब टेर प्रिये, "कान्त, उठो" गाया !
          मगध वा सूत गये,
          किन्तु स्वर्ग-दूत नये,
          तेरे स्वर पूत अये,
                          मैंने भर पाया ।
तूने जब टेर प्रिये, "कान्त, उठो" गाया ।

संबंधित लेख