मुझे फूल मत मारो -मैथिलीशरण गुप्त: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "नही " to "नहीं ")
m (Text replace - "अविभावक" to "अभिभावक")
 
Line 9: Line 9:
|जन्म=[[3 अगस्त]], 1886
|जन्म=[[3 अगस्त]], 1886
|जन्म भूमि=चिरगाँव, [[झाँसी]], [[उत्तर प्रदेश]]
|जन्म भूमि=चिरगाँव, [[झाँसी]], [[उत्तर प्रदेश]]
|अविभावक=सेठ रामचरण, काशीबाई
|अभिभावक=सेठ रामचरण, काशीबाई
|पति/पत्नी=
|पति/पत्नी=
|संतान=
|संतान=

Latest revision as of 05:03, 29 May 2015

चित्र:Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
मुझे फूल मत मारो -मैथिलीशरण गुप्त
कवि मैथिलीशरण गुप्त
जन्म 3 अगस्त, 1886
मृत्यु 12 दिसंबर, 1964
मृत्यु स्थान चिरगाँव, झाँसी
मुख्य रचनाएँ पंचवटी, साकेत, यशोधरा, द्वापर, झंकार, जयभारत
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
मैथिलीशरण गुप्त की रचनाएँ

            मुझे फूल मत मारो,
मैं अबला बाला वियोगिनी, कुछ तो दया विचारो।
होकर मधु के मीत मदन, पटु, तुम कटु गरल न गारो,
मुझे विकलता, तुम्हें विफलता, ठहरो, श्रम परिहारो।
नहीं भोगनी यह मैं कोई, जो तुम जाल पसारो,
बल हो तो सिन्दूर-बिन्दु यह--यह हरनेत्र निहारो!
रूप-दर्प कंदर्प, तुम्हें तो मेरे पति पर वारो,
लो, यह मेरी चरण-धूलि उस रति के सिर पर धारो!

संबंधित लेख