अनूप शर्मा: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) m (श्रेणी:प्रसिद्ध व्यक्तित्व; Adding category Category:आधुनिक साहित्यकार (Redirect Category:आधुनिक साहित्यकार resolved) (क) |
No edit summary |
||
(2 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
'''अनूप शर्मा''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Anoop Sharma'', जन्म- [[1900]], मृत्यु- [[1960]]) [[ब्रजभाषा]] के उत्तम कवि थे। वे धामपुर ([[उत्तर प्रदेश]]) में [[1940]] से [[1952]] तक एक माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य रहे थे। उनकी प्रमुख कृतियों में 'फेरि मिलिबो', 'सिद्धार्थ', 'वर्धमान' इत्यादि हैं। | |||
*[[हिंदी]] के प्रसिद्ध [[कवि]] अनूप शर्मा का जन्म 1900 ई. में [[सीतापुर]], [[उत्तर प्रदेश]] में हुआ था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय चरित कोश|लेखक=लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय'|अनुवादक=|आलोचक=|प्रकाशक=शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली|संकलन= |संपादन=|पृष्ठ संख्या=28|url=}}</ref> | |||
*एम.ए. और एलटी की परीक्षा पास करने के बाद अनूप शर्मा कुछ समय तक अध्यापक रहे। | |||
*[[आकाशवाणी]] में भी उन्होंने कुछ समय तक कार्य किया। | |||
*अनूप शर्मा की रचनाओं में ‘सिद्धार्थ’, ‘फेरि मिलिबो’, ‘कुणाल’, ‘वर्द्धमान’, ‘सुमनांजली’, ‘शर्वाणी’ प्रमुख है। ‘सिद्धार्थ’ में [[बुद्ध]] के जीवन के विविध पक्षों का वर्णन है। | |||
*18 सर्गों का महाकाव्य [[ब्रजभाषा]] के प्रसिद्ध कवि की [[खड़ी बोली]] की रचना है। | |||
*‘फेरि मिलिबो’ ब्रजभाषा का प्रबंध काव्य है, इसमें 75 अध्यायों में [[श्रीमद्भागवत]] की कथा को मुख्य आधार बनाया गया है। | |||
*‘वर्द्धमान’ [[महावीर स्वामी]] के चरित्र पर आधारित है। | |||
*अनूप शर्मा [[द्विवेदी युग]] के प्रसिद्ध कवि थे और उन्हें अपने समय के [[हिंदी]] के प्रसिद्ध 'देव पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था। | |||
*'सुमनांजली' स्फुट कविताओं का संग्रह है और 'शर्वाणी' आद्यशक्ति रूपा [[दुर्गा]] के सभी अंगों पर 700 घनाक्षरीयों का प्रबंध काव्य है। | |||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{भारत के कवि}} | {{भारत के कवि}} | ||
[[Category:कवि]] | [[Category:कवि]][[Category:चरित कोश]][[Category:साहित्यकार]][[Category:साहित्य_कोश]][[Category:आधुनिक कवि]][[Category:आधुनिक साहित्यकार]] | ||
[[Category: | |||
[[Category: | |||
[[Category: | |||
[[Category:आधुनिक साहित्यकार]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 12:58, 12 April 2018
अनूप शर्मा (अंग्रेज़ी: Anoop Sharma, जन्म- 1900, मृत्यु- 1960) ब्रजभाषा के उत्तम कवि थे। वे धामपुर (उत्तर प्रदेश) में 1940 से 1952 तक एक माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य रहे थे। उनकी प्रमुख कृतियों में 'फेरि मिलिबो', 'सिद्धार्थ', 'वर्धमान' इत्यादि हैं।
- हिंदी के प्रसिद्ध कवि अनूप शर्मा का जन्म 1900 ई. में सीतापुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था।[1]
- एम.ए. और एलटी की परीक्षा पास करने के बाद अनूप शर्मा कुछ समय तक अध्यापक रहे।
- आकाशवाणी में भी उन्होंने कुछ समय तक कार्य किया।
- अनूप शर्मा की रचनाओं में ‘सिद्धार्थ’, ‘फेरि मिलिबो’, ‘कुणाल’, ‘वर्द्धमान’, ‘सुमनांजली’, ‘शर्वाणी’ प्रमुख है। ‘सिद्धार्थ’ में बुद्ध के जीवन के विविध पक्षों का वर्णन है।
- 18 सर्गों का महाकाव्य ब्रजभाषा के प्रसिद्ध कवि की खड़ी बोली की रचना है।
- ‘फेरि मिलिबो’ ब्रजभाषा का प्रबंध काव्य है, इसमें 75 अध्यायों में श्रीमद्भागवत की कथा को मुख्य आधार बनाया गया है।
- ‘वर्द्धमान’ महावीर स्वामी के चरित्र पर आधारित है।
- अनूप शर्मा द्विवेदी युग के प्रसिद्ध कवि थे और उन्हें अपने समय के हिंदी के प्रसिद्ध 'देव पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था।
- 'सुमनांजली' स्फुट कविताओं का संग्रह है और 'शर्वाणी' आद्यशक्ति रूपा दुर्गा के सभी अंगों पर 700 घनाक्षरीयों का प्रबंध काव्य है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 28 |