Difference between revisions of "अश्रु यह पानी नहीं है -महादेवी वर्मा"
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
आदित्य चौधरी (talk | contribs) m (Text replacement - "शृंखला" to "श्रृंखला") |
|||
(3 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 10: | Line 10: | ||
|मृत्यु=[[22 सितम्बर]], 1987 | |मृत्यु=[[22 सितम्बर]], 1987 | ||
|मृत्यु स्थान=[[प्रयाग]], [[उत्तर प्रदेश]] | |मृत्यु स्थान=[[प्रयाग]], [[उत्तर प्रदेश]] | ||
− | |मुख्य रचनाएँ= | + | |मुख्य रचनाएँ=[[मेरा परिवार -महादेवी वर्मा|मेरा परिवार]], [[स्मृति की रेखाएँ -महादेवी वर्मा|स्मृति की रेखाएँ]], [[पथ के साथी -महादेवी वर्मा|पथ के साथी]], [[श्रृंखला की कड़ियाँ -महादेवी वर्मा|श्रृंखला की कड़ियाँ]], [[अतीत के चलचित्र -महादेवी वर्मा|अतीत के चलचित्र]], [[नीरजा -महादेवी वर्मा|नीरजा]], [[नीहार -महादेवी वर्मा|नीहार]] |
|यू-ट्यूब लिंक= | |यू-ट्यूब लिंक= | ||
|शीर्षक 1= | |शीर्षक 1= | ||
Line 31: | Line 31: | ||
{{Poemopen}} | {{Poemopen}} | ||
<poem> | <poem> | ||
− | अश्रु यह पानी नहीं है, यह व्यथा चंदन नहीं है ! | + | अश्रु यह पानी नहीं है, यह व्यथा चंदन नहीं है! |
यह न समझो देव पूजा के सजीले उपकरण ये, | यह न समझो देव पूजा के सजीले उपकरण ये, | ||
यह न मानो अमरता से माँगने आए शरण ये, | यह न मानो अमरता से माँगने आए शरण ये, | ||
स्वाति को खोजा नहीं है औ' न सीपी को पुकारा, | स्वाति को खोजा नहीं है औ' न सीपी को पुकारा, | ||
− | मेघ से माँगा न जल, इनको न भाया सिंधु खारा ! | + | मेघ से माँगा न जल, इनको न भाया सिंधु खारा! |
शुभ्र मानस से छलक आए तरल ये ज्वाल मोती, | शुभ्र मानस से छलक आए तरल ये ज्वाल मोती, | ||
− | प्राण की निधियाँ अमोलक बेचने का धन नहीं | + | प्राण की निधियाँ अमोलक बेचने का धन नहीं है। |
− | अश्रु यह पानी नहीं है, यह व्यथा चंदन नहीं है ! | + | अश्रु यह पानी नहीं है, यह व्यथा चंदन नहीं है! |
− | नमन सागर को नमन विषपान की उज्ज्वल कथा को | + | नमन सागर को नमन विषपान की उज्ज्वल कथा को, |
देव-दानव पर नहीं समझे कभी मानव प्रथा को, | देव-दानव पर नहीं समझे कभी मानव प्रथा को, | ||
कब कहा इसने कि इसका गरल कोई अन्य पी ले, | कब कहा इसने कि इसका गरल कोई अन्य पी ले, | ||
− | अन्य का विष माँग कहता हे स्वजन तू और जी ले | + | अन्य का विष माँग कहता हे स्वजन तू और जी ले! |
− | यह स्वयं जलता रहा देने अथक आलोक सब को | + | यह स्वयं जलता रहा देने अथक आलोक सब को, |
− | मनुज की छवि देखने को मृत्यु क्या दर्पण नहीं | + | मनुज की छवि देखने को मृत्यु क्या दर्पण नहीं है। |
− | अश्रु यह पानी नहीं है, यह व्यथा चंदन नहीं है ! | + | अश्रु यह पानी नहीं है, यह व्यथा चंदन नहीं है! |
शंख कब फूँका शलभ ने फूल झर जाते अबोले, | शंख कब फूँका शलभ ने फूल झर जाते अबोले, | ||
− | मौन जलता दीप , धरती ने कभी क्या दान तोले? | + | मौन जलता दीप, धरती ने कभी क्या दान तोले? |
खो रहे उच्छ्वास भी कब मर्म गाथा खोलते हैं, | खो रहे उच्छ्वास भी कब मर्म गाथा खोलते हैं, | ||
साँस के दो तार ये झंकार के बिन बोलते हैं, | साँस के दो तार ये झंकार के बिन बोलते हैं, | ||
− | पढ़ सभी पाए जिसे वह वर्ण-अक्षरहीन भाषा | + | पढ़ सभी पाए जिसे वह वर्ण-अक्षरहीन भाषा, |
− | प्राणदानी के लिए वाणी यहाँ बंधन नहीं | + | प्राणदानी के लिए वाणी यहाँ बंधन नहीं है। |
अश्रु यह पानी नहीं है, यह व्यथा चंदन नहीं है ! | अश्रु यह पानी नहीं है, यह व्यथा चंदन नहीं है ! | ||
− | किरण सुख की उतरती घिरतीं नहीं | + | किरण सुख की उतरती घिरतीं नहीं दु:ख की घटाएँ, |
तिमिर लहराता न बिखरी इंद्रधनुषों की छटाएँ | तिमिर लहराता न बिखरी इंद्रधनुषों की छटाएँ | ||
समय ठहरा है शिला-सा क्षण कहाँ उसमें समाते, | समय ठहरा है शिला-सा क्षण कहाँ उसमें समाते, | ||
Line 73: | Line 73: | ||
साँस में आहट मिले तब आज पहचानूँ तुम्हें मैं, | साँस में आहट मिले तब आज पहचानूँ तुम्हें मैं, | ||
वेदना यह झेल लो तब आज सम्मानूँ तुम्हें मैं ! | वेदना यह झेल लो तब आज सम्मानूँ तुम्हें मैं ! | ||
− | आज मंदिर के मुखर घड़ियाल घंटों में न बोलो | + | आज मंदिर के मुखर घड़ियाल घंटों में न बोलो, |
− | अब चुनौती है पुजारी ये नमन वंदन नहीं है। | + | अब चुनौती है पुजारी, ये नमन वंदन नहीं है। |
− | अश्रु यह पानी नहीं है, यह व्यथा चंदन नहीं है !</poem> | + | अश्रु यह पानी नहीं है, यह व्यथा चंदन नहीं है! |
+ | </poem> | ||
{{Poemclose}} | {{Poemclose}} | ||
Latest revision as of 10:35, 9 February 2021
| ||||||||||||||||||||
|
ashru yah pani nahian hai, yah vyatha chandan nahian hai! |
sanbandhit lekh