लेता लेता श्रीरामजीनुं नाम -मीरां: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('{{पुनरीक्षण}} {| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
m (Text replace - "४" to "4")
 
(3 intermediate revisions by the same user not shown)
Line 33: Line 33:
<poem>
<poem>
लेता लेता श्रीरामजीनुं नाम। लोकडिवा तो लाजे मरे छे॥ध्रु०॥
लेता लेता श्रीरामजीनुं नाम। लोकडिवा तो लाजे मरे छे॥ध्रु०॥
हरी मंदिर जाता पाव लिया दुखे। फरा आवे सारूं गाम॥१॥
हरी मंदिर जाता पाव लिया दुखे। फरा आवे सारूं गाम॥1॥
झगडो थाय त्यां दोडीनें जाया। मुक्तीनें बरना काम॥२॥
झगडो थाय त्यां दोडीनें जाया। मुक्तीनें बरना काम॥2॥
भांड भवैया गुणका नृत्य करता। बेशी रहे चारे ठाम॥३॥
भांड भवैया गुणका नृत्य करता। बेशी रहे चारे ठाम॥3॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर गुण गाऊं। चरणकमल चित्त काम॥४॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर गुण गाऊं। चरणकमल चित्त काम॥4॥





Latest revision as of 10:45, 1 November 2014

चित्र:Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
लेता लेता श्रीरामजीनुं नाम -मीरां
कवि मीरांबाई
जन्म 1498
जन्म स्थान मेरता, राजस्थान
मृत्यु 1547
मुख्य रचनाएँ बरसी का मायरा, गीत गोविंद टीका, राग गोविंद, राग सोरठ के पद
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
मीरांबाई की रचनाएँ

लेता लेता श्रीरामजीनुं नाम। लोकडिवा तो लाजे मरे छे॥ध्रु०॥
हरी मंदिर जाता पाव लिया दुखे। फरा आवे सारूं गाम॥1॥
झगडो थाय त्यां दोडीनें जाया। मुक्तीनें बरना काम॥2॥
भांड भवैया गुणका नृत्य करता। बेशी रहे चारे ठाम॥3॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर गुण गाऊं। चरणकमल चित्त काम॥4॥


संबंधित लेख