भजन बिना नरफीको -मीरां: Difference between revisions

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आज मोहिं लागे वृन्दावन नीको।।
आज मोहिं लागे वृन्दावन नीको।।
घर-घर तुलसी ठाकुर सेवा, दरसन गोविन्द जी को।।१।।
घर-घर तुलसी ठाकुर सेवा, दरसन गोविन्द जी को।।1।।
निरमल नीर बहत जमुना में, भोजन दूध दही को।
निरमल नीर बहत जमुना में, भोजन दूध दही को।
रतन सिंघासण आपु बिराजैं, मुकुट धरयो तुलसी को।।२।।
रतन सिंघासण आपु बिराजैं, मुकुट धरयो तुलसी को।।2।।
कुंजन कुंजन फिरत राधिका, सबद सुणत मुरली को।
कुंजन कुंजन फिरत राधिका, सबद सुणत मुरली को।
"मीरा" के प्रभु गिरधर नागर, भजन बिना नर फीको।।३।।
"मीरा" के प्रभु गिरधर नागर, भजन बिना नर फीको।।3।।





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भजन बिना नरफीको -मीरां
कवि मीरांबाई
जन्म 1498
जन्म स्थान मेरता, राजस्थान
मृत्यु 1547
मुख्य रचनाएँ बरसी का मायरा, गीत गोविंद टीका, राग गोविंद, राग सोरठ के पद
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
मीरांबाई की रचनाएँ

आज मोहिं लागे वृन्दावन नीको।।
घर-घर तुलसी ठाकुर सेवा, दरसन गोविन्द जी को।।1।।
निरमल नीर बहत जमुना में, भोजन दूध दही को।
रतन सिंघासण आपु बिराजैं, मुकुट धरयो तुलसी को।।2।।
कुंजन कुंजन फिरत राधिका, सबद सुणत मुरली को।
"मीरा" के प्रभु गिरधर नागर, भजन बिना नर फीको।।3।।

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