लेन-देन -रामधारी सिंह दिनकर: Difference between revisions

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लंबा और पुराना है।
लंबा और पुराना है।


जिनका कर्ज हमने खाया था,
जिनका कर्ज़ हमने खाया था,
उनका बाकी हम चुकाने आये हैं।
उनका बाकी हम चुकाने आये हैं।
और जिन्होंने हमारा कर्ज खाया था,
और जिन्होंने हमारा कर्ज़ खाया था,
उनसे हम अपना हक पाने आये हैं।
उनसे हम अपना हक पाने आये हैं।



Revision as of 11:56, 10 September 2011

लेन-देन -रामधारी सिंह दिनकर
कवि रामधारी सिंह दिनकर
जन्म 23 सितंबर, सन 1908
जन्म स्थान सिमरिया, ज़िला मुंगेर (बिहार)
मृत्यु 24 अप्रैल, सन 1974
मृत्यु स्थान चेन्नई, तमिलनाडु
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
रामधारी सिंह दिनकर की रचनाएँ

लेन-देन का हिसाब
लंबा और पुराना है।

जिनका कर्ज़ हमने खाया था,
उनका बाकी हम चुकाने आये हैं।
और जिन्होंने हमारा कर्ज़ खाया था,
उनसे हम अपना हक पाने आये हैं।

लेन-देन का व्यापार अभी लंबा चलेगा।
जीवन अभी कई बार पैदा होगा
और कई बार जलेगा।

और लेन-देन का सारा व्यापार
जब चुक जायेगा,
ईश्वर हमसे खुद कहेगा -

तुम्हारा एक पावना मुझ पर भी है,
आओ, उसे ग्रहण करो।
अपना रूप छोड़ो,
मेरा स्वरूप वरण करो।


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