उपेक्षा -सुभद्रा कुमारी चौहान: Difference between revisions
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रहती हूँ सदा छिपाए॥ | रहती हूँ सदा छिपाए॥ | ||
मेरी साँसों की लू से | मेरी साँसों की लू से, | ||
कुछ आँच न उनमें आए। | कुछ आँच न उनमें आए। | ||
मेरे अंतर की ज्वाला | मेरे अंतर की ज्वाला, | ||
उनको न कभी झुलसाए॥ | उनको न कभी झुलसाए॥ | ||
कितने प्रयत्न से उनको, | कितने प्रयत्न से उनको, | ||
मैं हृदय-नीड़ में अपने | मैं हृदय-नीड़ में अपने, | ||
बढ़ते लख खुश होती थी, | बढ़ते लख खुश होती थी, | ||
देखा करती थी सपने॥ | देखा करती थी सपने॥ | ||
इस भांति उपेक्षा मेरी | इस भांति उपेक्षा मेरी, | ||
करके मेरी अवहेला | करके मेरी अवहेला, | ||
तुमने आशा की कलियाँ | तुमने आशा की कलियाँ | ||
मसलीं खिलने की बेला॥ | मसलीं खिलने की बेला॥ |
Latest revision as of 14:19, 19 December 2011
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इस तरह उपेक्षा मेरी, |