कुशनाभ: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
'''कुशनाभ''' [[अयोध्या]] के राजा 'कुश' की रानी 'वैदर्भी' के गर्भ से जन्मे चार पुत्रों में से कनिष्ठ पुत्र थे।<ref>{{cite web |url=http://khoj.bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%B6%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%AD |title=कुशनाभ|accessmonthday=12 मार्च|accessyear=2014 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
'''कुशनाभ''' [[अयोध्या]] के राजा 'कुश' की रानी 'वैदर्भी' के गर्भ से जन्मे चार पुत्रों में से कनिष्ठ पुत्र थे।<ref>{{cite web |url=http://khoj.bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%B6%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%AD |title=कुशनाभ|accessmonthday=12 मार्च|accessyear=2014 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>


*कुशनाभ की पत्नी 'घृताची' की सौ कन्याएँ और एक पुत्र '[[गाधि]]' हुए थे। जब [[वायु देव]] ने इनकी सौ कन्याओं से [[विवाह]] का प्रस्ताव किया तो उन्होंने इन्कार कर दिया, जिस पर वायु ने उन सबको कुबड़ी हो जाने का शाप दे दिया।
*कुशनाभ की पत्नी '[[घृताची]]' की सौ कन्याएँ और एक पुत्र '[[गाधि]]' हुए थे। जब [[वायु देव]] ने इनकी सौ कन्याओं से [[विवाह]] का प्रस्ताव किया तो उन्होंने इन्कार कर दिया, जिस पर वायु ने उन सबको कुबड़ी हो जाने का शाप दे दिया।
*इन्होंने 'महोदय' नामक नगर की स्थापना की थी। इसी से महोदय नगर का नाम '[[कान्यकुब्ज]]' पड़ गया। जबकि '[[वाल्मीकि रामायण]]' के अनुसार इस नगर का नामकरण कुशनाभ की कुब्जा कन्याओं के नाम पर हुआ था।
*इन्होंने 'महोदय' नामक नगर की स्थापना की थी। इसी से महोदय नगर का नाम '[[कान्यकुब्ज]]' पड़ गया। जबकि '[[वाल्मीकि रामायण]]' के अनुसार इस नगर का नामकरण कुशनाभ की कुब्जा कन्याओं के नाम पर हुआ था।



Revision as of 13:50, 30 December 2015

कुशनाभ अयोध्या के राजा 'कुश' की रानी 'वैदर्भी' के गर्भ से जन्मे चार पुत्रों में से कनिष्ठ पुत्र थे।[1]

  • कुशनाभ की पत्नी 'घृताची' की सौ कन्याएँ और एक पुत्र 'गाधि' हुए थे। जब वायु देव ने इनकी सौ कन्याओं से विवाह का प्रस्ताव किया तो उन्होंने इन्कार कर दिया, जिस पर वायु ने उन सबको कुबड़ी हो जाने का शाप दे दिया।
  • इन्होंने 'महोदय' नामक नगर की स्थापना की थी। इसी से महोदय नगर का नाम 'कान्यकुब्ज' पड़ गया। जबकि 'वाल्मीकि रामायण' के अनुसार इस नगर का नामकरण कुशनाभ की कुब्जा कन्याओं के नाम पर हुआ था।


  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कुशनाभ (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 12 मार्च, 2014।

संबंधित लेख