कीसनजी नहीं कंसन घर जावो -मीरां: Difference between revisions

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कीसनजी नहीं कंसन घर जावो। राणाजी मारो नही॥ध्रु०॥
कीसनजी नहीं कंसन घर जावो। राणाजी मारो नही॥ध्रु०॥
तुम नारी अहल्या तारी। कुंटण कीर उद्धारो॥1॥
तुम नारी अहल्या तारी। कुंटण कीर उद्धारो॥1॥
कुबेरके द्वार बालद लायो। नरसिंगको काज सुदारो॥२॥
कुबेरके द्वार बालद लायो। नरसिंगको काज सुदारो॥2॥
तुम आये पति मारो दहीको। तिनोपार तनमन वारो॥३॥
तुम आये पति मारो दहीको। तिनोपार तनमन वारो॥३॥
जब मीरा शरण गिरधरकी। जीवन प्राण हमारो॥४॥
जब मीरा शरण गिरधरकी। जीवन प्राण हमारो॥४॥

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कीसनजी नहीं कंसन घर जावो -मीरां
कवि मीरांबाई
जन्म 1498
जन्म स्थान मेरता, राजस्थान
मृत्यु 1547
मुख्य रचनाएँ बरसी का मायरा, गीत गोविंद टीका, राग गोविंद, राग सोरठ के पद
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
मीरांबाई की रचनाएँ

कीसनजी नहीं कंसन घर जावो। राणाजी मारो नही॥ध्रु०॥
तुम नारी अहल्या तारी। कुंटण कीर उद्धारो॥1॥
कुबेरके द्वार बालद लायो। नरसिंगको काज सुदारो॥2॥
तुम आये पति मारो दहीको। तिनोपार तनमन वारो॥३॥
जब मीरा शरण गिरधरकी। जीवन प्राण हमारो॥४॥

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