नहुष का पतन -मैथिलीशरण गुप्त: Difference between revisions
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मानता हुँ भुल गया नारद का कहना | मानता हुँ भुल गया नारद का कहना | ||
दैत्यों से बचाये भोग धाम रहना | दैत्यों से बचाये भोग धाम रहना | ||
आप घुसा असुर हाय मेरे ही | आप घुसा असुर हाय मेरे ही हृदय में | ||
मानता हुँ आप लज्जा पाप अविनय में | मानता हुँ आप लज्जा पाप अविनय में | ||
मानता हुँ आड ही ली मेने स्वाधिकार की | मानता हुँ आड ही ली मेने स्वाधिकार की |
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मत्त-सा नहुष चला बैठ ऋषियान में |
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