प्रांगण:मुखपृष्ठ/पर्यटन: Difference between revisions

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| class="bgtour4" style="border:1px solid #D0D09D;padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px; " valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#ececcf; border:thin solid #bdbd97; color:#34341B;">'''विशेष आलेख'''</div>  
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<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[सारनाथ|सारनाथ]]'''</div>
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[वाराणसी]]'''</div>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Buddha-Stupas.jpg|right|100px|बुद्ध स्तूप, सांची|link=सारनाथ]] </div>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Kolaz-Varanasi.jpg|right|100px|वाराणसी के विभिन्न दृश्य|link=वाराणसी]] </div>
*सारनाथ [[काशी]] से सात मील पूर्वोत्तर में स्थित बौद्धों का प्राचीन तीर्थ है, ज्ञान प्राप्त करने के बाद [[बुद्ध|भगवान बुद्ध]] ने प्रथम उपदेश यहाँ दिया था, यहाँ से ही उन्होंने "धर्म चक्र प्रवर्तन" प्रारम्भ किया।
*वाराणसी दक्षिण-पूर्वी [[उत्तर प्रदेश]] राज्य, उत्तरी-मध्य [[भारत]] में [[गंगा नदी]] के बाएँ तट पर स्थित [[हिन्दू|हिन्दुओं]] के सात पवित्र शहरों में से एक है।
*सारनाथ में '''सारंगनाथ महादेव का मन्दिर''' है, यहाँ [[श्रावण|सावन]] के महीने में हिन्दुओं का मेला लगता है। यह जैन तीर्थ है और जैन ग्रन्थों में इसे सिंहपुर बताया है।  
*वाराणसी का '''पुराना नाम काशी''' है। वाराणसी '''विश्व का प्राचीनतम बसा हुआ शहर''' है जो हज़ारों साल से उत्तर भारत का धार्मिक एवं सांस्कृतिक केन्द्र रहा है। 
*सारनाथ की दर्शनीय वस्तुयें- [[अशोक]] का चतुर्मुख सिंहस्तम्भ, भगवान बुद्ध का मन्दिर, धामेख स्तूप, चौखन्डी स्तूप, राजकीय संग्राहलय, जैन मन्दिर, चीनी मन्दिर, मूलंगधकुटी और नवीन विहार हैं।
*ऐतिहासिक आलेखों से प्रमाणित होता है कि ईसा पूर्व की '''छठी शताब्दी में वाराणसी भारतवर्ष का बड़ा ही समृद्धशाली और महत्त्वपूर्ण''' राज्य था।
*सारनाथ का प्राचीन नाम '''ऋषिपतन''' (हिरनों का जंगल) था। आधुनिक नाम ‘सारनाथ’ की उत्पत्ति ‘सारंगनाथ’ (मृगों के नाथ) अर्थात [[गौतम बुद्ध]] से हुई।
*दो नदियों '''[[वरुणा नदी|वरुणा]] और [[असी नदी|असि]] के मध्य बसा होने के कारण इसका नाम वाराणसी पड़ा।''' बनारस या वाराणसी का नाम [[पुराण|पुराणों]], [[रामायण]], [[महाभारत]] जैसे अनेकानेक ग्रन्थों में मिलता है।  
*सारनाथ क्षेत्र की खुदाई से '''गुप्तकालीन अनेक कलाकृतियां तथा बुद्ध प्रतिमाएँ''' प्राप्त हुई हैं जो वर्तमान संग्रहालय में सुरक्षित हैं।
*'''वाराणसी [[संगीत]] और [[साहित्य]] का केंद्र''' रहा है, लेकिन इसके साथ ही इस नगर ने [[हिन्दी]] के अनेक साहित्यकारों को भी जन्म दिया है, जिनमें '''[[भारतेंदु हरिश्चंद्र]], [[जयशंकर प्रसाद]], [[प्रेमचंद]], [[श्यामसुन्दर दास]] और [[राय कृष्णदास]]''' प्रमुख हैं।  
*सारनाथ से कई महत्त्वपूर्ण अभिलेख भी मिले हैं जिनमें प्रमुख काशीराज प्रकटादित्य का शिलालेख है। '''[[सारनाथ|.... और पढ़ें]]'''
*[[भारत रत्न]] सम्मानित शहनाई वादक [[उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ाँ]] का जन्म भी वाराणसी में हुआ। '''वाराणसी के घरानों की हिन्दुस्तानी संगीत में अपनी ही शैली''' है।
*वाराणसी, पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। यहाँ '''अनेक धार्मिक, ऐतिहासिक एवं सुंदर दर्शनीय स्थल''' हैं, जिनमें [[विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग]], [[सारनाथ]], [[वाराणसी की नदियाँ]] और [[काशी हिन्दू विश्वविद्यालय]] प्रमुख हैं। '''[[वाराणसी|.... और पढ़ें]]'''
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  • प्राचीन काल से ही भारत एक अत्यन्त ही विविधता सम्पन्न देश रहा है और यह विशेषता आज भी समय की घड़ी पर अंकित है।
  • वर्ष 2007 में, 90.3 करोड़ से अधिक अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन के साथ, 2006 की तुलना में 6.6% की वृद्धि दर्ज की गई।
विशेष आलेख

  • दुनिया को भारत का खजुराहो के कलात्मक मंदिर एक अनमोल तोहफ़ा हैं। खजुराहो, भारतीय आर्य स्थापत्य और वास्तुकला की एक नायाब मिसाल है।
  • खजुराहो को इसके अलंकृत मंदिरों की वजह से जाना जाता है जो कि देश के सर्वोत्कृष्ठ मध्यकालीन स्मारक हैं। चंदेल शासकों ने इन मंदिरों की तामीर सन 900 से 1130 ईसवी के बीच करवाई थी।
  • खजुराहो का प्राचीन नाम खर्जुरवाहक है। चंदेल राजाओं ने क़रीब 84 बेजोड़ व लाजवाब मंदिरों की तामीर करवाई थी लेकिन उनमें से अभी तक सिर्फ़ 22 मंदिरों की ही खोज हो पाई है।
  • इतिहास में इन मंदिरों का सबसे पहला जो उल्लेख मिलता है, वह अबू रिहान अल बरूनी (1022 ईसवी) तथा अरब मुसाफ़िर इब्न बतूता का है।
  • खजुराहो के मंदिर भारतीय स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना हैं। खजुराहो में ख़ूबसूरत मंदिरो में की गई कलाकारी इतनी सजीव है कि कई बार मूर्तियाँ ख़ुद बोलती हुई मालूम होती हैं।
  • यहाँ की श्रृंगारिक मुद्राओं में अंकित मिथुन-मूर्तियों की कला पर सम्भवतः तांत्रिक प्रभाव है, किन्तु कला का जो निरावृत और अछूता सौदर्न्य इनके अंकन में निहित है, उसकी उपमा नहीं मिलती।
  • खजुराहो, महोबा से 54 किलोमीटर दक्षिण में, छतरपुर से 45 किलोमीटर पूर्व और सतना ज़िले से 105 किलोमीटर पश्‍चिम में स्‍थित है तथा निकटतम रेलवे स्‍टेशनों अर्थात् महोबा, सतना और झाँसी से पक्‍की सड़कों से खजुराहो अच्‍छी तरह जुड़ा हुआ है। .... और पढ़ें
चयनित लेख

  • मुंबई शहर, भूतपूर्व बंबई, महाराष्ट्र राज्य की राजधानी, दक्षिण-पश्चिम भारत का वित्तीय व वाणिज्यिक केंद्र और अरब सागर में स्थित प्रमुख बंदरगाह है।
  • मुंबई दुनिया के विशालतम व सबसे घनी आबादी वाले शहरों में से एक है। मुम्बई शहर को बिजनेस केपिटल ऑफ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है।
  • मुंबई पर्यटन के लिए भी विश्व विख्यात हैं। यहाँ पर कई पर्यटन स्थल है जैसे- गेटवे ऑफ़ इंडिया, जुहू चौपाटी, एलिफेंटा की गुफाएँ, ताजमहल होटल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस मुंबई, भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र मुंबई आदि।
  • मुंबई में बहुत से संग्रहालय, पुस्तकालय, साहित्यिक एवं कई अन्य सांस्कृतिक संस्थान, कला, दीर्घाएँ व रंगशालाएँ हैं। भारत का कोई अन्य शहर अपनी सांस्कृतिक एवं मनोरंजन सुविधाओं के मामले में इतनी उच्च श्रेणी की विविधता और गुणवत्ता का शायद ही दावा कर सके।
  • मुम्बई भारतीय फ़िल्म उद्योग का गढ़ है। साल भर यहाँ पश्चिमी व भारतीय संगीत सम्मेलन एवं महोत्सव और भारतीय नृत्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। .... और पढ़ें
विशेष आलेख
कुछ लेख
पर्यटन श्रेणी वृक्ष
चयनित चित्र

300px|वरका तट, गोवा|center


भारत के मुख्य पर्यटन स्थल


भारत के ऐतिहासिक स्थल


भारत के प्राचीन धार्मिक स्थल


भारत के धार्मिक स्थल



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