भगवान के डाकिए -रामधारी सिंह दिनकर: Difference between revisions

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ये भगवान के डाकिए हैं
ये भगवान के डाकिए हैं
जो एक महादेश से
जो एक महादेश से
दूसरें महादेश को जाते हैं।
दूसरे महादेश को जाते हैं।
हम तो समझ नहीं पाते हैं
हम तो समझ नहीं पाते हैं
मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ
मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ
पेड़, पौधे, पनी और पहाड़
पेड़, पौधे, पानी और पहाड़
बाँचते हैं।
बाँचते हैं।



Revision as of 12:27, 22 August 2011

भगवान के डाकिए -रामधारी सिंह दिनकर
कवि रामधारी सिंह दिनकर
जन्म 23 सितंबर, सन 1908
जन्म स्थान सिमरिया, ज़िला मुंगेर (बिहार)
मृत्यु 24 अप्रैल, सन 1974
मृत्यु स्थान चेन्नई, तमिलनाडु
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
रामधारी सिंह दिनकर की रचनाएँ

पक्षी और बादल,
ये भगवान के डाकिए हैं
जो एक महादेश से
दूसरे महादेश को जाते हैं।
हम तो समझ नहीं पाते हैं
मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ
पेड़, पौधे, पानी और पहाड़
बाँचते हैं।

हम तो केवल यह आँकते हैं
कि एक देश की धरती
दूसरे देश को सुगंध भेजती है।
और वह सौरभ हवा में तैरते हुए
पक्षियों की पाँखों पर तिरता है।
और एक देश का भाप
दूसरे देश में पानी
बनकर गिरता है।




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