उत्तर -महादेवी वर्मा: Difference between revisions

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<poem>इस एक बूँद आँसू में
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इस एक बूँद आँसू में,
चाहे साम्राज्य बहा दो,
चाहे साम्राज्य बहा दो,
वरदानों की वर्षा से
वरदानों की वर्षा से,
यह सूनापन बिखरा दो;
यह सूनापन बिखरा दो;


इच्छा‌ओं की कम्पन से
इच्छा‌ओं की कम्पन से,
सोता एकान्त जगा दो,
सोता एकान्त जगा दो,
आशा की मुस्काहट पर
आशा की मुस्काहट पर,
मेरा नैराश्य लुटा दो ।
मेरा नैराश्य लुटा दो ।


चाहे जर्जर तारों में
चाहे जर्जर तारों में,
अपना मानस उलझा दो,
अपना मानस उलझा दो,
इन पलकों के प्यालो में
इन पलकों के प्यालो में,
सुख का आसव छलका दो;
सुख का आसव छलका दो;


मेरे बिखरे प्राणों में
मेरे बिखरे प्राणों में,
सारी करुणा ढुलका दो,
सारी करुणा ढुलका दो,
मेरी छोटी सीमा में
मेरी छोटी सीमा में,
अपना अस्तित्व मिटा दो!
अपना अस्तित्व मिटा दो!


पर शेष नहीं होगी यह
पर शेष नहीं होगी यह,
मेरे प्राणों की क्रीड़ा,
मेरे प्राणों की क्रीड़ा,
तुमको पीड़ा में ढूँढा
तुमको पीड़ा में ढूँढा,
तुम में ढूँढूँगी पीड़ा!</poem>
तुम में ढूँढूँगी पीड़ा!
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Revision as of 14:05, 19 December 2011

उत्तर -महादेवी वर्मा
कवि महादेवी वर्मा
जन्म 26 मार्च, 1907
जन्म स्थान फ़र्रुख़ाबाद, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 22 सितम्बर, 1987
मृत्यु स्थान प्रयाग, उत्तर प्रदेश
मुख्य रचनाएँ 'मेरा परिवार', 'स्मृति की रेखाएँ', 'पथ के साथी', 'शृंखला की कड़ियाँ', 'अतीत के चलचित्र', नीरजा, नीहार
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
महादेवी वर्मा की रचनाएँ

इस एक बूँद आँसू में,
चाहे साम्राज्य बहा दो,
वरदानों की वर्षा से,
यह सूनापन बिखरा दो;

इच्छा‌ओं की कम्पन से,
सोता एकान्त जगा दो,
आशा की मुस्काहट पर,
मेरा नैराश्य लुटा दो ।

चाहे जर्जर तारों में,
अपना मानस उलझा दो,
इन पलकों के प्यालो में,
सुख का आसव छलका दो;

मेरे बिखरे प्राणों में,
सारी करुणा ढुलका दो,
मेरी छोटी सीमा में,
अपना अस्तित्व मिटा दो!

पर शेष नहीं होगी यह,
मेरे प्राणों की क्रीड़ा,
तुमको पीड़ा में ढूँढा,
तुम में ढूँढूँगी पीड़ा!

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