तान की मरोर -माखन लाल चतुर्वेदी: Difference between revisions
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बुद्धि यन्त्र है, चला; | बुद्धि यन्त्र है, चला; | ||
न बुद्धि का | न बुद्धि का ग़ुलाम हो। | ||
सूझ अश्व है, चढ़े-- | सूझ अश्व है, चढ़े-- | ||
चलो, कभी न शाम हो। | चलो, कभी न शाम हो। |
Revision as of 09:24, 3 June 2012
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तू न तान की मरोर |
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