गाँधी -रामधारी सिंह दिनकर: Difference between revisions
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वे हँसते थे। | वे हँसते थे। | ||
तूफ़ान मोटी नहीं, महीन | तूफ़ान मोटी नहीं, महीन आवाज़ से उठता है। | ||
वह | वह आवाज़ जो मोम के दीप के समान, | ||
एकान्त में जलती है और बाज नहीं, | एकान्त में जलती है और बाज नहीं, | ||
कबूतर के चाल से चलती है। | कबूतर के चाल से चलती है। | ||
गाँधी तूफ़ान के पिता और बाजों के भी बाज थे, | गाँधी तूफ़ान के पिता और बाजों के भी बाज थे, | ||
क्योंकि वे नीरवता की | क्योंकि वे नीरवता की आवाज़ थे। | ||
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Latest revision as of 10:43, 3 June 2012
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देश में जिधर भी जाता हूँ, |
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