रति: Difference between revisions
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
(''''रति''' पौराणिक धर्म ग्रंथों में उल्लिखित [[दक्ष|दक्ष ...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
'''रति''' पौराणिक धर्म ग्रंथों में उल्लिखित [[दक्ष|दक्ष प्रजापति]] की पुत्री और [[कामदेव]] की पत्नी कही गई है। इसका जन्म दक्ष प्रजापति के शरीर के पसीने से बताया गया है। रति संसार की सबसे रूपवती सुन्दर स्त्री मानी गई है। | '''रति''' पौराणिक धर्म ग्रंथों में उल्लिखित [[दक्ष|दक्ष प्रजापति]] की पुत्री और [[कामदेव]] की पत्नी कही गई है। इसका जन्म दक्ष प्रजापति के शरीर के पसीने से बताया गया है। रति संसार की सबसे रूपवती सुन्दर स्त्री मानी गई है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=पौराणिक कोश|लेखक=राणाप्रसाद शर्मा|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=ज्ञानमण्डल लिमिटेड, आज भवन, संत कबीर मार्ग, वाराणसी|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=441|url=}}</ref> | ||
*रति को देखकर [[देवता|देवताओं]] का मन डोल गया था। इसी से इसका नाम 'रति' पड़ा था। | *रति को देखकर [[देवता|देवताओं]] का मन डोल गया था। इसी से इसका नाम 'रति' पड़ा था। | ||
Line 8: | Line 8: | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== |
Revision as of 10:47, 25 November 2012
रति पौराणिक धर्म ग्रंथों में उल्लिखित दक्ष प्रजापति की पुत्री और कामदेव की पत्नी कही गई है। इसका जन्म दक्ष प्रजापति के शरीर के पसीने से बताया गया है। रति संसार की सबसे रूपवती सुन्दर स्त्री मानी गई है।[1]
- रति को देखकर देवताओं का मन डोल गया था। इसी से इसका नाम 'रति' पड़ा था।
- भगवान शिव की कोपाग्नि से कामदेव के नष्ट हो जाने के पश्चात इसके ही कारण वह बिना शरीर का या 'अनंग' होकर सदा बना रहा।
- रति सदा कामदेव के साथ ही रहती है।
- पौराणिक परंपरा में दक्ष की पुत्री एवं 'शतपथ ब्राह्मण' के अनुसार गंधर्व कन्या के रूप में इनका उल्लेख मिलता है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पौराणिक कोश |लेखक: राणाप्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, आज भवन, संत कबीर मार्ग, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 441 |
संबंधित लेख
Retrieved from "https://en.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=रति&oldid=304163"