उतथ्य: Difference between revisions

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*उतथ्य की पत्नी भद्रा का अपहरण कर [[वरुण देवता|वरुण]] ने छिपा लिया था और लौटाने से इंकार किया।<ref>{{cite web |url=http://khoj.bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%89%E0%A4%A4%E0%A4%A5%E0%A5%8D%E0%A4%AF |title=उतथ्य |accessmonthday=04 फ़रवरी|accessyear=2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
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*उतथ्य के इस शाप के भय से वरुण ने भद्रा को लौटा दिया।
*उतथ्य के इस शाप के भय से वरुण ने भद्रा को लौटा दिया।
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*[[महाभारत]] के '[[आदिपर्व महाभारत|आदिपर्व]]'<ref>आदिपर्व 98.5-16</ref> और '[[शांतिपर्व महाभारत|शांतिपर्व]]'<ref>शांतिपर्व 328</ref> में उतथ्य की एक अन्य पत्नी 'ममता' का भी उल्लेख मिलता है।

Revision as of 11:45, 18 September 2014

उतथ्य एक प्रसिद्ध ऋषि थे। इनका जन्म आंगिरस ऋषि के कुल में हुआ था। इनकी भार्या का नाम 'भद्रा' था, जो बड़ी ही रूपवती और सौन्दर्य की मूर्ति थी।

  • उतथ्य की पत्नी भद्रा का अपहरण कर वरुण ने छिपा लिया था और लौटाने से इंकार किया।[1]
  • नारद मुनि की मध्यस्थता से भी वरुण ने भद्रा को लौटाना स्वीकार नहीं किया, तब उतथ्य ने सरस्वती को सूख जाने और ब्रह्मर्षि देश को अपवित्र हो जाने का अभिशाप दे दिया।
  • उतथ्य के इस शाप के भय से वरुण ने भद्रा को लौटा दिया।
  • महाभारत के 'आदिपर्व'[2] और 'शांतिपर्व'[3] में उतथ्य की एक अन्य पत्नी 'ममता' का भी उल्लेख मिलता है।
  • उतथ्य के कनिष्ठ भ्राता बृहस्पति थे, जो सुंदरी ममता पर आसक्त हो गए थे। बृहस्पति ने अपनी भाभी ममता से उस समय बलात संभोग करना चाहा, जब वह गर्भवती थी, किंतु गर्भस्थ शिशु ने इनके इस कार्य का विरोध किया। इससे क्रुद्ध होकर बृहस्पति ने गर्भस्थ शिशु को अंधा होने का शाप दे दिया। जन्म लेने पर इस अंधे बालक का नाम 'दीर्घतमा औतथ्य' हुआ।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. उतथ्य (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 04 फ़रवरी, 2014।
  2. आदिपर्व 98.5-16
  3. शांतिपर्व 328

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