नही तोरी बलजोरी राधे -मीरां: Difference between revisions

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सब गोपन हस खेलत बैठे। तुम कहत करी चोरी॥2॥
सब गोपन हस खेलत बैठे। तुम कहत करी चोरी॥2॥
हम नही अब तुमारे घरनकू। तुम बहुत लबारीरे॥3॥
हम नही अब तुमारे घरनकू। तुम बहुत लबारीरे॥3॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चरणकमल बलिहारीरे॥४॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चरणकमल बलिहारीरे॥4॥


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नही तोरी बलजोरी राधे -मीरां
कवि मीरांबाई
जन्म 1498
जन्म स्थान मेरता, राजस्थान
मृत्यु 1547
मुख्य रचनाएँ बरसी का मायरा, गीत गोविंद टीका, राग गोविंद, राग सोरठ के पद
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
मीरांबाई की रचनाएँ

नही तोरी बलजोरी राधे॥ध्रु०॥
जमुनाके नीर तीर धेनु चरावे। छीन लीई बांसरी॥1॥
सब गोपन हस खेलत बैठे। तुम कहत करी चोरी॥2॥
हम नही अब तुमारे घरनकू। तुम बहुत लबारीरे॥3॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चरणकमल बलिहारीरे॥4॥

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