मणिभद्र: Difference between revisions

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'''मणिभद्र''' [[हिन्दू]] पौराणिक [[ग्रंथ]] [[महाभारत]] के अनुसार एक [[यक्ष]] का नाम था, जो [[कुबेर]] की सभा में उपस्थित रहकर उसकी उपासना किया करता था।<ref>[[महाभारत सभा पर्व अध्याय 10 श्लोक 1-24]]</ref>
'''मणिभद्र''' [[हिन्दू]] पौराणिक [[ग्रंथ]] [[महाभारत]] के अनुसार एक [[यक्ष]] का नाम था, जो [[कुबेर]] की सभा में उपस्थित रहकर उसकी उपासना किया करता था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=महाभारत सभा पर्व|लेखक=|अनुवादक=साहित्याचार्य पण्डित रामनारायणदत्त शास्त्री पाण्डेय 'राम'|आलोचक= |प्रकाशक=गीताप्रेस, गोरखपुर|संकलन=भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन=|पृष्ठ संख्या=694|url=}}
</ref>


*'[[महाभारत सभा पर्व]]' में कुबेर की सभा का वर्णन करते हुए [[नारद|नारद जी]] कहते हैं-
*'[[महाभारत सभा पर्व]]' में कुबेर की सभा का वर्णन करते हुए [[नारद|नारद जी]] कहते हैं-

Revision as of 05:08, 12 April 2016

मणिभद्र हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत के अनुसार एक यक्ष का नाम था, जो कुबेर की सभा में उपस्थित रहकर उसकी उपासना किया करता था।[1]


"गन्धर्व और अप्सराओं के समुदाय से भरी तथा दिव्‍य वाद्य, नृत्य एवं गीतों से निरन्तर गूँजती हुई कुबेर की वह सभा बड़ी मनोहर जान पड़ती है। किन्नर तथा नर नाम वाले गन्धर्व, मणिभद्र, धनद, श्वेतभद्र गुह्यक, कशेरक, गण्डकण्डू, महाबली प्रद्योत, कुस्तुम्बुरु, पिशाच, गजकर्ण, विशालक, वराहकर्ण, ताम्रोष्ठ, फलकक्ष, फलोदक, हंसचूड़, शिखावर्त, हेमनेत्र, विभीषण, पुष्पानन, पिंगलक, शोणितोद, प्रवालक, वृक्षवासी, अनिकेत तथा चीरवासा, ये तथा दूसरे बहुत-से यक्ष लाखों की संख्या में उपस्थित होकर उस सभा में कुबेर की सेवा करते हैं।"


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत सभा पर्व |अनुवादक: साहित्याचार्य पण्डित रामनारायणदत्त शास्त्री पाण्डेय 'राम' |प्रकाशक: गीताप्रेस, गोरखपुर |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 694 |

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