कर्ण-कृष्ण तत्कालीन संवाद -रश्मि प्रभा: Difference between revisions
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मेरे मान के लिए उसने एक क्षण में | मेरे मान के लिए उसने एक क्षण में | ||
मुझे अंग देश का राजा बनाया ... | मुझे अंग देश का राजा बनाया ... | ||
अर्थात् उसे राज्य का मोह नहीं था | |||
उसका विरोध बड़े बुजुर्गों के हर व्यवहार के प्रति था ! | उसका विरोध बड़े बुजुर्गों के हर व्यवहार के प्रति था ! | ||
.... केशव | .... केशव |
Latest revision as of 07:46, 7 November 2017
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हाँ कृष्ण |
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