प्रगट भयो भगवान -मीरां

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 10:10, 1 November 2014 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replace - "३" to "3")
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
चित्र:Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
प्रगट भयो भगवान -मीरां
कवि मीरांबाई
जन्म 1498
जन्म स्थान मेरता, राजस्थान
मृत्यु 1547
मुख्य रचनाएँ बरसी का मायरा, गीत गोविंद टीका, राग गोविंद, राग सोरठ के पद
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
मीरांबाई की रचनाएँ

प्रगट भयो भगवान॥ध्रु०॥
नंदाजीके घर नौबद बाजे। टाळ मृदंग और तान॥1॥
सबही राजे मिलन आवे। छांड दिये अभिमान॥2॥
मीराके प्रभु गिरिधर नागर। निशिदिनीं धरिजे ध्यान॥3॥


संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः