रमइया बिन यो जिवडो दुख पावै -मीरां

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 14:04, 2 June 2017 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replacement - " दुख " to " दु:ख ")
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
चित्र:Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
रमइया बिन यो जिवडो दुख पावै -मीरां
कवि मीरांबाई
जन्म 1498
जन्म स्थान मेरता, राजस्थान
मृत्यु 1547
मुख्य रचनाएँ बरसी का मायरा, गीत गोविंद टीका, राग गोविंद, राग सोरठ के पद
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
मीरांबाई की रचनाएँ

राग बिहागरा


रमइया बिन यो जिवडो[1] दु:ख पावै।
कहो कुण धीर बंधावै॥
यो संसार कुबुधि[2] को भांडो[3], साध संगत नहीं भावै।
राम-नाम की निंद्या ठाणै, करम ही करम कुमावै[4]
राम-नाम बिन मुकति न पावै, फिर चौरासी[5] जावै।
साध संगत में कबहुं न जावै, मूरख जनम गुमावै॥
मीरा प्रभु गिरधर के सरणै, जीव परमपद पावै॥

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. जीव
  2. दुर्बुद्धि
  3. बर्तन
  4. कमाता है
  5. चौरासी लाख योनियां

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः