जदों ज़ाहिर होए नूर होरी -बुल्ले शाह
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जदों ज़ाहिर होए नूर होरी, |
हिन्दी अनुवाद
परम ज्योति के प्रकाशित होने पर
तूर पर्वत जलकर भस्म हो गया।
फिर मंसूर को फाँसी मिली।
वहाँ कोई शेखी नहीं बघार सकता।
मैं बोले बिना नहीं रह सकता।
यदि मैं रहस्य खोल दूँ
तो सब अपने-अपने झगड़े भूल जाएँगे
और अपने मित्र बुल्ले को मार डालेंगे।
अतः यहाँ यही उचित है कि मैं रहस्य न खोलूँ।
मैं बोले बिना नहीं रह सकता।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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