जब पानी सर से बहता है -आरसी प्रसाद सिंह

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
चित्र:Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
जब पानी सर से बहता है -आरसी प्रसाद सिंह
कवि आरसी प्रसाद सिंह
जन्म 19 अगस्त 1911
जन्म स्थान एरौत गाँव, बिहार
मृत्यु 15 नवंबर 1996
मुख्य रचनाएँ नन्ददास, रजनीगंधा
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
आरसी प्रसाद सिंह की रचनाएँ

तब कौन मौन हो रहता है?
जब पानी सर से बहता है।

चुप रहना नहीं सुहाता है,
कुछ कहना ही पड़ जाता है।
व्यंग्यों के चुभते बाणों को
कब तक कोई भी सहता है?
जब पानी सर से बहता है।

अपना हम जिन्हें समझते हैं।
जब वही मदांध उलझते हैं,
फिर तो कहना पड़ जाता ही,
जो बात नहीं यों कहता है।
जब पानी सर से बहता है।

दुख कौन हमारा बाँटेगा
हर कोई उल्टे डाँटेगा।
अनचाहा संग निभाने में
किसका न मनोरथ ढहता है?
जब पानी सर से बहता है।

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः