गर्म पकौड़ी -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला: Difference between revisions
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|मृत्यु=[[15 अक्टूबर]], | |मृत्यु=[[15 अक्टूबर]], सन् [[1961]] | ||
|मृत्यु स्थान=[[प्रयाग]], [[भारत]] | |मृत्यु स्थान=[[प्रयाग]], [[भारत]] | ||
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<poem>गर्म पकौड़ी | <poem> | ||
ऐ गर्म पकौड़ी | गर्म पकौड़ी, | ||
तेल की भुनी | ऐ गर्म पकौड़ी! | ||
तेल की भुनी, | |||
नमक मिर्च की मिली, | नमक मिर्च की मिली, | ||
ऐ गर्म पकौड़ी ! | ऐ गर्म पकौड़ी! | ||
मेरी जीभ जल गयी | मेरी जीभ जल गयी, | ||
सिसकियां निकल रहीं, | सिसकियां निकल रहीं, | ||
लार की बूंदें कितनी टपकीं, | लार की बूंदें कितनी टपकीं, | ||
पर दाढ़ तले दबा ही रक्खा | पर दाढ़ तले दबा ही रक्खा मैंने। | ||
कंजूस ने ज्यों कौड़ी, | कंजूस ने ज्यों कौड़ी, | ||
पहले तूने | पहले तूने मुझको खींचा, | ||
दिल | दिल लेकर फिर कपड़े-सा फींचा, | ||
अरी, तेरे लिए छोड़ी | अरी, तेरे लिए छोड़ी, | ||
बम्हन की पकाई, | |||
बम्हन की पकाई | मैंने घी की कचौड़ी। | ||
मैंने घी की कचौड़ी। </poem> | </poem> | ||
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Latest revision as of 14:05, 6 March 2012
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गर्म पकौड़ी, |
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