मौन -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला: Difference between revisions

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जल-बिन्दु सा बह जाए।
जल-बिन्दु सा बह जाए।
सरल अति स्वच्छ्न्द
सरल अति स्वच्छ्न्द
जीवन, प्रात के लघुपात से,
जीवन, प्रात: के लघुपात से,
उत्थान-पतनाघात से
उत्थान-पतनाघात से
रह जाए चुप, निर्द्वन्द ।
रह जाए चुप, निर्द्वन्द ।

Latest revision as of 14:12, 6 March 2012

मौन -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
कवि सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
जन्म 21 फ़रवरी, 1896
जन्म स्थान मेदनीपुर ज़िला, बंगाल (पश्चिम बंगाल)
मृत्यु 15 अक्टूबर, सन् 1961
मृत्यु स्थान प्रयाग, भारत
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला की रचनाएँ

बैठ लें कुछ देर,
आओ, एक पथ के पथिक-से
प्रिय, अंत और अनन्त के,
तम-गहन-जीवन घेर।
मौन मधु हो जाए
भाषा मूकता की आड़ में,
मन सरलता की बाढ़ में,
जल-बिन्दु सा बह जाए।
सरल अति स्वच्छ्न्द
जीवन, प्रात: के लघुपात से,
उत्थान-पतनाघात से
रह जाए चुप, निर्द्वन्द ।









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