पृथुश्रवा: Difference between revisions

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*उपरोक्त सभी [[शशबिन्दु]] के वंश में उत्पन्न हुए राजा थे। [[पुराण|पुराणों]] के ज्ञाता विद्वान लोग इनमें सबसे ज्येष्ठ पृथुश्रवा की विशेष प्रशंसा करते हैं। उत्तम यज्ञों का अनुष्ठान करने वाले पृथुश्रवा का पुत्र [[सुयज्ञ]] हुआ।
*उपरोक्त सभी [[शशबिन्दु]] के वंश में उत्पन्न हुए राजा थे। [[पुराण|पुराणों]] के ज्ञाता विद्वान् लोग इनमें सबसे ज्येष्ठ पृथुश्रवा की विशेष प्रशंसा करते हैं। उत्तम यज्ञों का अनुष्ठान करने वाले पृथुश्रवा का पुत्र [[सुयज्ञ]] हुआ।


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Latest revision as of 14:34, 6 July 2017

पृथुश्रवा शशबिन्दु के वंश में उत्पन्न हुए प्रसिद्ध राजा थे। उत्तम यज्ञों का अनुष्ठान करने वाले पृथुश्रवा का पुत्र सुयज्ञ[1] हुआ था।

  • शशबिन्दु चक्रवर्ती सम्राट थे। वह यज्ञों में प्रचुर दक्षिणा देने वाले थे।
  • पूर्वकाल में शशबिन्दु के विषय में वंशानुक्रमणिकारूप यह श्लोक गाया जाता रहा है कि शशबिन्दु के सौ पुत्र हुए। उनमें भी प्रत्येक के सौ-सौ पुत्र हुए। वे सभी प्रचुर धन-सम्पत्ति एवं तेज़ से परिपूर्ण, सौन्दर्यशाली एवं बुद्धिमान थे।
  • उन पुत्रों के नाम के अग्रभाग में 'पृथु' शब्द से संयुक्त छ: महाबली पुत्र हुए। उनके पूरे नाम इस प्रकार हैं-
  1. पृथुश्रवा
  2. पृथुयशा
  3. पृथुधर्मा
  4. पृथुंजय
  5. पृथुकीर्ति
  6. पृथुमनां
  • उपरोक्त सभी शशबिन्दु के वंश में उत्पन्न हुए राजा थे। पुराणों के ज्ञाता विद्वान् लोग इनमें सबसे ज्येष्ठ पृथुश्रवा की विशेष प्रशंसा करते हैं। उत्तम यज्ञों का अनुष्ठान करने वाले पृथुश्रवा का पुत्र सुयज्ञ हुआ।
  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कहीं-कहीं इनका नाम 'धर्म' भी मिलता है।

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