बहुरि नहिं आवना या देस -कबीर: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replacement - "सन्न्यासी" to "संन्यासी")
 
(One intermediate revision by the same user not shown)
(No difference)

Latest revision as of 11:45, 3 August 2017

बहुरि नहिं आवना या देस -कबीर
कवि कबीर
जन्म 1398 (लगभग)
जन्म स्थान लहरतारा ताल, काशी
मृत्यु 1518 (लगभग)
मृत्यु स्थान मगहर, उत्तर प्रदेश
मुख्य रचनाएँ साखी, सबद और रमैनी
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
कबीर की रचनाएँ

बहुरि नहिं आवना या देस ॥
जो जो गए बहुरि नहि आए,
पठवत नाहिं सेस ॥1॥

सुर नर मुनि अरु पीर औलिया,
देवी देव गनेस ॥2॥

धरि धरि जनम सबै,
भरमे हैं ब्रह्मा विष्णु महेस ॥3॥

जोगी जङ्गम औ संन्यासी,
दीगंबर दरवेस ॥4॥

चुंडित, मुंडित पंडित लोई,
सरग रसातल सेस ॥5॥

ज्ञानी, गुनी, चतुर अरु कविता,
राजा रंक नरेस ॥6॥

कोइ राम कोइ रहिम बखानै,
कोइ कहै आदेस ॥7॥

नाना भेष बनाय सबै,
मिलि ढूऊंढि फिरें चहुँ देस ॥8॥

कहै कबीर अंत ना पैहो,
बिन सतगुरु उपदेश ॥9॥












संबंधित लेख