साधो ये मुरदों का गांव -कबीर: Difference between revisions

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साधो ये मुरदों का गांव
साधो ये मुरदों का गांव
पीर मरे पैगम्बर मरिहैं
पीर मरे पैगम्बर मरिहैं
मरि हैं जिन्दा जोगी
मरि हैं ज़िन्दा जोगी
राजा मरिहैं परजा मरिहै
राजा मरिहैं परजा मरिहै
मरिहैं बैद और रोगी
मरिहैं बैद और रोगी

Latest revision as of 13:17, 6 July 2012

साधो ये मुरदों का गांव -कबीर
कवि कबीर
जन्म 1398 (लगभग)
जन्म स्थान लहरतारा ताल, काशी
मृत्यु 1518 (लगभग)
मृत्यु स्थान मगहर, उत्तर प्रदेश
मुख्य रचनाएँ साखी, सबद और रमैनी
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
कबीर की रचनाएँ

साधो ये मुरदों का गांव
पीर मरे पैगम्बर मरिहैं
मरि हैं ज़िन्दा जोगी
राजा मरिहैं परजा मरिहै
मरिहैं बैद और रोगी
चंदा मरिहै सूरज मरिहै
मरिहैं धरणि आकासा
चौदां भुवन के चौधरी मरिहैं
इन्हूं की का आसा
नौहूं मरिहैं दसहूं मरिहैं
मरि हैं सहज अठ्ठासी
तैंतीस कोट देवता मरि हैं
बड़ी काल की बाजी
नाम अनाम अनंत रहत है
दूजा तत्व न होइ
कहत कबीर सुनो भाई साधो
भटक मरो ना कोई





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