तुम हमारे हो -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला: Difference between revisions
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और कमज़ोरों का बस क्या है । | और कमज़ोरों का बस क्या है । | ||
कहा - निर्दय, कहाँ है तेरी दया, | कहा - निर्दय, कहाँ है तेरी दया, | ||
मुझे | मुझे दु:ख देने में जस क्या है । | ||
रात को सोते य' सपना देखा | रात को सोते य' सपना देखा |
Latest revision as of 14:03, 2 June 2017
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नहीं मालूम क्यों यहाँ आया |
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