तुम और मैं -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला: Difference between revisions
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तुम तुंग - हिमालय - श्रृंग | तुम तुंग - हिमालय - श्रृंग | ||
और मैं चंचल-गति सुर-सरिता। | और मैं चंचल-गति सुर-सरिता। | ||
तुम विमल हृदय | तुम विमल हृदय उच्छ्वास | ||
और मैं कांत-कामिनी-कविता। | और मैं कांत-कामिनी-कविता। | ||
तुम प्रेम और मैं शान्ति, | तुम प्रेम और मैं शान्ति, | ||
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मैं मुखर मधुर नूपुर-ध्वनि, | मैं मुखर मधुर नूपुर-ध्वनि, | ||
तुम नाद - वेद ओंकार - सार, | तुम नाद - वेद ओंकार - सार, | ||
मैं कवि - | मैं कवि - श्रृंगार शिरोमणि। | ||
तुम यश हो, मैं हूँ प्राप्ति, | तुम यश हो, मैं हूँ प्राप्ति, | ||
तुम कुन्द - इन्दु - अरविन्द-शुभ्र | तुम कुन्द - इन्दु - अरविन्द-शुभ्र |
Latest revision as of 07:55, 7 November 2017
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तुम तुंग - हिमालय - श्रृंग |
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