प्रियतम -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला: Difference between revisions
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<poem>एक दिन | <poem> | ||
एक दिन विष्णु जी के पास गए नारद जी, | |||
पूछा, "मृत्युलोक में कौन है पुण्यश्यलोक | पूछा, "मृत्युलोक में कौन है पुण्यश्यलोक | ||
भक्त तुम्हारा प्रधान?" | भक्त तुम्हारा प्रधान?" | ||
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इसी से है प्रियतम।" | इसी से है प्रियतम।" | ||
नारद लज्जित हुए | नारद लज्जित हुए | ||
कहा, "यह सत्य है।" </poem> | कहा, "यह सत्य है।" | ||
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==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== |
Revision as of 11:35, 23 August 2011
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एक दिन विष्णु जी के पास गए नारद जी, |
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