माहि सरोवर सौरभ लै -बिहारी लाल: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('{| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |चित्र=Bihari-Lal.jpg |...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
 
Line 31: Line 31:
{{Poemopen}}
{{Poemopen}}
<poem>
<poem>
माहि सरोवर सौरभ लै, ततकाल खिले जलजातन मैं कै
माहि सरोवर सौरभ लै,  
ततकाल खिले जलजातन मैं कै।


नीठि चलै जल वास अचै, लपटाइ लता तरु मारग मैं कै
नीठि चलै जल वास अचै,  
लपटाइ लता तरु मारग मैं कै।


पोंछत सीतन तैं श्रम स्वेदन, खेद हरै सब राति रमै कै
पोंछत सीतन तैं श्रम स्वेदन,  
खेद हरै सब राति रमै कै।


आवत जाति झरोखन कैं मग, सीतल बात प्रभात समै कै।
आवत जाति झरोखन कैं मग,  
सीतल बात प्रभात समै कै।





Latest revision as of 07:35, 8 September 2011

माहि सरोवर सौरभ लै -बिहारी लाल
कवि बिहारी लाल
जन्म 1595
जन्म स्थान ग्वालियर
मृत्यु 1663
मुख्य रचनाएँ बिहारी सतसई
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
बिहारी लाल की रचनाएँ

माहि सरोवर सौरभ लै,
ततकाल खिले जलजातन मैं कै।

नीठि चलै जल वास अचै,
लपटाइ लता तरु मारग मैं कै।

पोंछत सीतन तैं श्रम स्वेदन,
खेद हरै सब राति रमै कै।

आवत जाति झरोखन कैं मग,
सीतल बात प्रभात समै कै।















संबंधित लेख