भिक्षुक -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला: Difference between revisions
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पेट पीठ दोनों मिलकर हैं एक, | पेट पीठ दोनों मिलकर हैं एक, | ||
चल रहा लकुटिया टेक, | चल रहा लकुटिया टेक, | ||
मुट्ठी भर दाने को | मुट्ठी भर दाने को - भूख मिटाने को | ||
मुँह फटी पुरानी झोली का फैलाता | मुँह फटी पुरानी झोली का फैलाता- | ||
दो टूक कलेजे के करता पछताता पथ पर आता। | दो टूक कलेजे के करता पछताता पथ पर आता। | ||
Revision as of 14:04, 24 August 2011
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वह आता-- |
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