मैं अपनौ मनभावन लीनों -बिहारी लाल: Difference between revisions
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मैं अपनौ मनभावन लीनों॥ | मैं अपनौ मनभावन लीनों॥ | ||
इन | इन लोगन को कहा कीनों, | ||
रत्न अमोलक नंददुलारो नवल लाल रंग भीनों॥ | मन दै मोल लियो री सजनी। | ||
कहा भयो सबके मुख मोरे मैं पायो पीव प्रवीनों। | रत्न अमोलक नंददुलारो, | ||
रसिक बिहारी प्यारो प्रीतम सिर बिधना लिख दीनों॥ | नवल लाल रंग भीनों॥ | ||
कहा भयो सबके मुख मोरे, | |||
मैं पायो पीव प्रवीनों। | |||
रसिक बिहारी प्यारो प्रीतम, | |||
सिर बिधना लिख दीनों॥ | |||
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Revision as of 07:48, 8 September 2011
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मैं अपनौ मनभावन लीनों॥ |
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