आनंदीप्रसाद श्रीवास्तव: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) (''''आनंदीप्रसाद श्रीवास्तव''' (अंग्रेज़ी: ''Anandiprasad Shrivastava'', 1...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
गोविन्द राम (talk | contribs) m (Adding category Category:छायावादी कवि (को हटा दिया गया हैं।)) |
||
Line 15: | Line 15: | ||
{{भारत के कवि}} | {{भारत के कवि}} | ||
[[Category:कवि]][[Category:साहित्यकार]][[Category:साहित्य कोश]][[Category:चरित कोश]][[Category:बाल साहित्यकार]] | [[Category:कवि]][[Category:साहित्यकार]][[Category:साहित्य कोश]][[Category:चरित कोश]][[Category:बाल साहित्यकार]] | ||
[[Category:छायावादी कवि]] | |||
__NOTOC__ | __NOTOC__ | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Revision as of 11:24, 5 May 2015
आनंदीप्रसाद श्रीवास्तव (अंग्रेज़ी: Anandiprasad Shrivastava, 1899 ई.) छायावादी युग के कवि थे। छायावादी कवियों में शायद इतने अल्पकाल में इतना अधिक लिखने वाला कवि कोई दूसरा नहीं है। इनका महत्त्व उन कवियों के समान है जो किसी भी नयी प्रवृत्ति में अधिकाधिक लिखकर उसकी सम्भावनाओं को विभिन्न दिशाओं में परिमार्जित करते हैं। छायावादी अनुभूति की इस प्रक्रिया का अत्यंत सफल परिचय हमें इनकी काव्यबोली में इसी प्रकार मिलता है। इनका कोई संग्रह प्रकाशित नहीं हो सका यह उनका दुर्भाग्य है।
साहित्यिक परिचय
'सरस्वती', 'माधुरी', 'विशाल भारत' आदि पत्र-पत्रिकाओं में उनकी कृतियाँ प्रकाशित हुई मिलती है। संग्रह न होने के कारण उनका कोई निश्चित रूप नहीं बन पता। इनकी कविताओं में प्रकृति का एक ऐसा साहचर्यभाव मिलता है जो अन्य छायावादी कवियों में उदात्त बनकर या तो आतंकजन्य रूप में चित्रित हुआ है या फिर उनके यहाँ प्रकृति को समझ सकने की कोई परिमार्जित भाषा या प्रतीक पद्धति ही नहीं बन पायी है। भाषा की दृष्टि से आनन्दीप्रसाद उस हिन्दी भाषा के निकट लगते है जो आगे चलकर कुछ सुन्दर और सरल मुहावरों में ढलती हुई दीख पड़ती है। विचारों में यद्यपि उतनी मौलिकता नहीं है फिर भी अभिव्यक्ति में व्यापकना कुछ अधिक मात्रा मे पूर्ण लगती है। बी.ए. पास करने के बाद आनन्दीप्रसाद श्रीवास्तव प्रयाग के के.पी. स्कूल में अध्यापक थे। कहा जाता है कि एक दिन किसी बात पर नाराज होकर घर छोड़ भाग गये और तब से कहाँ हैं, क्या कर रहे हैं इसका कुभी पता नहीं।[1]
कृतियाँ
- अछूत नाटक (नाटक)
- मकरन्द (कहानी संग्रह)
- अबलाओं का बल (सामाजिक उपन्यास)
- कुछ बालोपयोगी रचनाएँ।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पुस्तक- हिन्दी साहित्य कोश भाग-2 | सम्पादक- धीरेंद्र वर्मा (प्रधान) | प्रकाशन- ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी | पृष्ठ संख्या- 34
संबंधित लेख