उपबर्हण

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 08:56, 28 November 2012 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

उपबर्हण देवर्षि नारद के पूर्वजन्म का नाम था। अपने पूर्वजन्म में उपबर्हण एक गन्धर्व थे।[1]

  • सुन्दर होने के कारण उपबर्हण सदा स्त्रियों के समाज में समय व्यतीत करते थे, जिससे रुष्ट होकर देवताओं ने इन्हें शूद्र होने का शाप दिया था।
  • देवताओं के शाप के फलस्वरूप उपबर्हण दासी पुत्र हुए, किंतु ब्रह्माज्ञानी संत महात्माओं की सेवा तथा शुद्ध आचरण के बल पर अन्त में ब्रह्मापुत्र हुए।[2]
  • भागवतपुराण[3] के एक उल्लेख के अनुसार उपबर्हण क्रौंच द्वीप के सात प्रधान पर्वतों में से एक पर्वत का नाम है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पौराणिक कोश |लेखक: राणाप्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, आज भवन, संत कबीर मार्ग, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 62 |
  2. भागवतपुराण 7.15.69-73
  3. भागवतपुराण 5.20.21

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः