केशर की कलि की पिचकारी -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 09:57, 25 August 2011 by सारा (talk | contribs)
Jump to navigation Jump to search
केशर की कलि की पिचकारी -सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
कवि सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
जन्म 21 फ़रवरी, 1896
जन्म स्थान मेदनीपुर ज़िला, बंगाल (पश्चिम बंगाल)
मृत्यु 15 अक्टूबर, सन 1961
मृत्यु स्थान प्रयाग, भारत
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला की रचनाएँ

केशर की, कलि की पिचकारीः
पात-पात की गात सँवारी।

राग-पराग-कपोल किए हैं,
लाल-गुलाल अमोल लिए हैं,
तरू-तरू के तन खोल दिए हैं,
आरती जोत-उदोत उतारी-
गन्ध-पवन की धूप धवारी।

गाए खग-कुल-कण्ठ गीत शत,
संग मृदंग तरंग-तीर-हत,
भजन-मनोरंजन-रत अविरत,
राग-राग को फलित किया री-
विकल-अंग कल गगन विहारी ।












संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः