केसरि से बरन सुबरन -बिहारी लाल

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 07:04, 5 September 2011 by प्रीति चौधरी (talk | contribs) ('{| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |चित्र=Bihari-Lal.jpg |...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
केसरि से बरन सुबरन -बिहारी लाल
कवि बिहारी लाल
जन्म 1595
जन्म स्थान ग्वालियर
मृत्यु 1663
मुख्य रचनाएँ बिहारी सतसई
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
बिहारी लाल की रचनाएँ

केसरि से बरन सुबरन बरन जीत्यौ

            बरनीं न जाइ अवरन बै गई।

कहत बिहारी सुठि सरस पयूष हू तैं,

            उष हू तैं मीठै बैनन बितै गई।

भौंहिनि नचाइ मृदु मुसिकाइ दावभाव

            चचंल चलाप चब चेरी चितै कै गई।

लीने कर बेली अलबेली सु अकेली तिय

            जाबन कौं आई जिय जावन सौं दे गई।।







संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः