है यह आजु बसन्त समौ -बिहारी लाल

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 07:32, 8 September 2011 by आशा चौधरी (talk | contribs)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
है यह आजु बसन्त समौ -बिहारी लाल
कवि बिहारी लाल
जन्म 1595
जन्म स्थान ग्वालियर
मृत्यु 1663
मुख्य रचनाएँ बिहारी सतसई
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
बिहारी लाल की रचनाएँ

है यह आजु बसन्त समौ,
सु भरौसो न काहुहि कान्ह के जी कौ।

अंध कै गंध बढ़ाय लै जात है,
मंजुल मारुत कुंज गली कौ।

कैसेहुँ भोर मुठी मैं पर्यौ,
समुझैं रहियौ न छुट्यौ नहिं नीकौ।

देखति बेलि उतैं बिगसी,
इत हौ बिगस्यौ बन बौलसरी कौं।















संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः