हरि को ललित बदन निहारु -तुलसीदास

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हरि को ललित बदन निहारु -तुलसीदास
कवि तुलसीदास
जन्म 1532 सन
जन्म स्थान राजापुर, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 1623 सन
मुख्य रचनाएँ रामचरितमानस, दोहावली, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, आदि
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
तुलसीदास की रचनाएँ

हरि को ललित बदन निहारु!
निपटही डाँटति निठुर ज्यों लकुट करतें डारु॥
मंजु अंजन सहित जल-कन चुक्त लोचन-चारु।
स्याम सारस मग मनो ससि स्त्रवत सुधा-सिंगारु॥
सुभग उर,दधि बुंद सुंदर लखि अपनपौ वारु।
मनहुँ मरकत मृदु सिखरपर लसत बिसद तुषारु॥
कान्हहूँ पर सतर भौंहैं, महरि मनहिं बिचारु।
दास तुलसी रहति क्यौं रिस निरखि नंद कुमारु॥

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