ऐसी मूढता या मन की -तुलसीदास: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
 
(One intermediate revision by the same user not shown)
Line 31: Line 31:
{{Poemopen}}
{{Poemopen}}
<poem>
<poem>
एइसी मूढता या मन की।
ऐसी मूढता या मन की।
परिहरि रामभगति-सुरसरिता, आस करत ओसकन की।
परिहरि रामभगति-सुरसरिता, आस करत ओसकन की।
धूम समूह निरखि-चातक ज्यौं, तृषित जानि मति धन की।
धूम समूह निरखि-चातक ज्यौं, तृषित जानि मति धन की।

Latest revision as of 12:13, 23 December 2011

ऐसी मूढता या मन की -तुलसीदास
कवि तुलसीदास
जन्म 1532 सन
जन्म स्थान राजापुर, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 1623 सन
मुख्य रचनाएँ रामचरितमानस, दोहावली, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, आदि
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
तुलसीदास की रचनाएँ

ऐसी मूढता या मन की।
परिहरि रामभगति-सुरसरिता, आस करत ओसकन की।
धूम समूह निरखि-चातक ज्यौं, तृषित जानि मति धन की।
नहिं तहं सीतलता न बारि, पुनि हानि होति लोचन की।
ज्यौं गज काँच बिलोकि सेन जड़ छांह आपने तन की।
टूटत अति आतुर अहार बस, छति बिसारि आनन की।
कहं लौ कहौ कुचाल कृपानिधि, जानत हों गति मन की।
तुलसीदास प्रभु हरहु दुसह दुख, करहु लाज निज पन की।

संबंधित लेख