जीना अपने ही में -सुमित्रानंदन पंत: Difference between revisions
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जीना अपने ही में | जीना अपने ही में | ||
एक | एक महान् कर्म है, | ||
जीने का हो सदुपयोग | जीने का हो सदुपयोग | ||
यह मनुज धर्म है। | यह मनुज धर्म है। |
Latest revision as of 14:16, 30 June 2017
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जीना अपने ही में |
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