याद -सुमित्रानंदन पंत: Difference between revisions
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|मृत्यु=[[28 दिसंबर]], 1977 | |मृत्यु=[[28 दिसंबर]], 1977 | ||
|मृत्यु स्थान=[[प्रयाग]], [[उत्तर प्रदेश]] | |मृत्यु स्थान=[[प्रयाग]], [[उत्तर प्रदेश]] | ||
|मुख्य रचनाएँ=वीणा, पल्लव, चिदंबरा, युगवाणी, लोकायतन, हार, आत्मकथात्मक संस्मरण- साठ वर्ष, युगपथ, स्वर्णकिरण, कला और बूढ़ा चाँद आदि | |मुख्य रचनाएँ=[[वीणा -सुमित्रानन्दन पंत|वीणा]], [[पल्लव -सुमित्रानन्दन पंत|पल्लव]], चिदंबरा, [[युगवाणी -सुमित्रानन्दन पंत|युगवाणी]], [[लोकायतन -सुमित्रानन्दन पंत|लोकायतन]], हार, आत्मकथात्मक संस्मरण- साठ वर्ष, [[युगपथ -सुमित्रानन्दन पंत|युगपथ]], [[स्वर्णकिरण -सुमित्रानन्दन पंत|स्वर्णकिरण]], कला और बूढ़ा चाँद आदि | ||
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विदा हो गई साँझ, विनत मुख पर झीना आँचल धर, | |||
मेरे एकाकी आँगन में मौन मधुर स्मृतियाँ भर! | मेरे एकाकी आँगन में मौन मधुर स्मृतियाँ भर! | ||
वह केसरी दुकूल अभी भी फहरा रहा क्षितिज पर, | वह केसरी दुकूल अभी भी फहरा रहा क्षितिज पर, | ||
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अंतरतम में एक मधुर स्मृति जग जग उठती प्रतिपल! | अंतरतम में एक मधुर स्मृति जग जग उठती प्रतिपल! | ||
कम्पित करता वक्ष धरा का घन | कम्पित करता वक्ष धरा का घन गंभीर गर्जन स्वर, | ||
भू पर ही आगया उतर शत धाराओं में अंबर! | भू पर ही आगया उतर शत धाराओं में अंबर! | ||
भीनी भीनी भाप सहज ही साँसों में घुल मिल कर | भीनी भीनी भाप सहज ही साँसों में घुल मिल कर | ||
Line 53: | Line 53: | ||
नव असाढ़ की संध्या में, मेघों के तम में कोमल, | नव असाढ़ की संध्या में, मेघों के तम में कोमल, | ||
पीड़ित एकाकी शय्या पर, शत भावों से विह्वल, | पीड़ित एकाकी शय्या पर, शत भावों से विह्वल, | ||
एक मधुरतम स्मृति पल भर विद्युत सी जल कर | एक मधुरतम स्मृति पल भर विद्युत सी जल कर उज्ज्वल | ||
याद दिलाती मुझे हृदय में रहती जो तुम निश्चल! | याद दिलाती मुझे हृदय में रहती जो तुम निश्चल! | ||
Latest revision as of 14:16, 17 September 2017
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विदा हो गई साँझ, विनत मुख पर झीना आँचल धर, |
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