कुशनाभ: Difference between revisions

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*कुशनाभ की पत्नी '[[घृताची]]' की सौ कन्याएँ और एक पुत्र '[[गाधि]]' हुए थे। जब [[वायु देव]] ने इनकी सौ कन्याओं से [[विवाह]] का प्रस्ताव किया तो उन्होंने इन्कार कर दिया, जिस पर वायु ने उन सबको कुबड़ी हो जाने का शाप दे दिया।
*इन्होंने 'महोदय' नामक नगर की स्थापना की थी। इसी से महोदय नगर का नाम '[[कान्यकुब्ज]]' पड़ गया। जबकि '[[वाल्मीकि रामायण]]' के अनुसार इस नगर का नामकरण कुशनाभ की कुब्जा कन्याओं के नाम पर हुआ था।
*इन्होंने 'महोदय' नामक नगर की स्थापना की थी। इसी से महोदय नगर का नाम '[[कान्यकुब्ज]]' पड़ गया। जबकि '[[वाल्मीकि रामायण]]' के अनुसार इस नगर का नामकरण कुशनाभ की कुब्जा कन्याओं के नाम पर हुआ था।



Latest revision as of 12:30, 25 October 2017

कुशनाभ अयोध्या के राजा 'कुश' की रानी 'वैदर्भी' के गर्भ से जन्मे चार पुत्रों में से कनिष्ठ पुत्र थे।[1]

  • कुशनाभ की पत्नी 'घृताची' की सौ कन्याएँ और एक पुत्र 'गाधि' हुए थे। जब वायु देव ने इनकी सौ कन्याओं से विवाह का प्रस्ताव किया तो उन्होंने इन्कार कर दिया, जिस पर वायु ने उन सबको कुबड़ी हो जाने का शाप दे दिया।
  • इन्होंने 'महोदय' नामक नगर की स्थापना की थी। इसी से महोदय नगर का नाम 'कान्यकुब्ज' पड़ गया। जबकि 'वाल्मीकि रामायण' के अनुसार इस नगर का नामकरण कुशनाभ की कुब्जा कन्याओं के नाम पर हुआ था।


  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कुशनाभ (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 12 मार्च, 2014।

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