टी. पी. मीनाक्षीसुंदरम: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) (''''टी. पी. मीनाक्षीसुंदरम''' एक प्रसिद्ध [[तमिल भाषा|तमिल...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "विद्वान " to "विद्वान् ") |
||
(3 intermediate revisions by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
''' | '''थेन्नपट्टिनम पोन्नुस्वामी मीनाक्षीसुंदरम''' एक प्रसिद्ध [[तमिल भाषा|तमिल]] साहित्यकार थे। ये विश्वविख्यात भाषावैज्ञानिक और द्रविड़ भाषाओं के अधिकारी विद्वान् थे। टी. पी. मीनाक्षीसुंदरम को सन् 1977 में [[भारत सरकार]] द्वारा साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में [[पद्म भूषण]] से सम्मानित किया गया था। ये [[तमिलनाडु]] से हैं। | ||
==संक्षिप्त परिचय== | ==संक्षिप्त परिचय== | ||
* इन्होंने दो दशकों तक [[मद्रास]] और अण्णामलौये में अध्यापन किया। बाद में वे मदुरै विश्वविद्यालय के कुलपति भी रहे। | * इन्होंने दो दशकों तक [[मद्रास]] और अण्णामलौये में अध्यापन किया। बाद में वे मदुरै विश्वविद्यालय के कुलपति भी रहे। | ||
Line 13: | Line 13: | ||
* ‘पिरनततु निनैलुप्पार’ | * ‘पिरनततु निनैलुप्पार’ | ||
* ‘पिरनततु एप्पटियो’। | * ‘पिरनततु एप्पटियो’। | ||
Line 19: | Line 18: | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==बाहरी कड़ियाँ== | ==बाहरी कड़ियाँ== | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{तमिल साहित्यकार}}{{भारत के कवि}} | |||
[[Category:तमिल साहित्यकार]][[Category:साहित्यकार]][[Category:साहित्य कोश]][[Category:चरित कोश]] | [[Category:तमिल साहित्यकार]][[Category:साहित्यकार]][[Category:साहित्य कोश]][[Category:चरित कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ |
Latest revision as of 14:37, 6 July 2017
थेन्नपट्टिनम पोन्नुस्वामी मीनाक्षीसुंदरम एक प्रसिद्ध तमिल साहित्यकार थे। ये विश्वविख्यात भाषावैज्ञानिक और द्रविड़ भाषाओं के अधिकारी विद्वान् थे। टी. पी. मीनाक्षीसुंदरम को सन् 1977 में भारत सरकार द्वारा साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये तमिलनाडु से हैं।
संक्षिप्त परिचय
- इन्होंने दो दशकों तक मद्रास और अण्णामलौये में अध्यापन किया। बाद में वे मदुरै विश्वविद्यालय के कुलपति भी रहे।
- आरंभिक जीवन में ये ख्याति-प्राप्त गाँधीवादी कार्यकर्ता थे।
- इन्होंने ‘तमिल अनुसंधान की अंतर्राष्ट्रीय संस्था’ की स्थापना की।
- अमरीका के शिकागो विश्वविद्यालय में तमिल विभाग की स्थापना इन्हीं के उद्योग से हुई।
- तमिल विश्वकोश (तमिल कलैकळञचियम) में तमिल भाषा साहित्य पर अनेक प्रविष्टियाँ लिखीं।
- पूना में अंग्रेज़ी में प्रकाशित ‘तमिल भाषा का इतिहास’ एक मानक ग्रंथ है।
- साहित्य और भाषाविज्ञान के अतिरिक्त संस्कृति और इतिहास पर भी इनके अनेक महत्वपूर्ण निबंध है।
कृतियाँ
- ‘वक्कुवर नाटुम मककिसम’
- ‘तमिलानिनेलुप्पार’
- ‘पिरनततु निनैलुप्पार’
- ‘पिरनततु एप्पटियो’।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख