नलकूबर: Difference between revisions
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
|||
Line 21: | Line 21: | ||
[[Category:पौराणिक चरित्र]] | [[Category:पौराणिक चरित्र]] | ||
[[Category:पौराणिक कोश]] | [[Category:पौराणिक कोश]] | ||
[[Category:महाभारत]] | |||
[[Category:पुराण]] | |||
[[Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश]] | [[Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश]] | ||
[[Category:नया पन्ना सितंबर-2011]] | [[Category:नया पन्ना सितंबर-2011]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Revision as of 09:44, 3 October 2011
चित्र:Icon-edit.gif | इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
- पुराणों और महाभारत के अनुसार नलकूबर को कुबेर का पुत्र कहा गया है।
- नलकूबर के बड़े भाई का नाम मणिग्रीव था। एक बार दोनों भाई स्त्रियों के साथ जल-क्रीड़ा कर रहे थे।
- मद्यपान के कारण इन्हें अपने वस्त्रों की भी सुधि नहीं थी। इतने में नारद को आता देखकर स्त्रियों ने तो वस्त्र पहन लिए पर नलकूबर और मणिग्रीव नशे के कारण निवर्सन ही खड़े रहे।
- इससे रुष्ट होकर नारद ने इन दोनों को सौ वर्षों तक वृक्ष योनि में रहने का शाप दे दिया।
- कृष्णावतार के समय में गोकुल में नंद के घर पर अर्जुन के वृक्ष बने जहाँ कृष्ण के द्वारा इनका वृक्ष योनि से उद्धार हुआ।
- नलकूबर की प्रेयसी रंभा थी। वाल्मीकि रामायण के अनुसार नलकूबर के पास जा रही रंभा को रोककर रावण ने उसके साथ बलात्कार किया। इस पर रंभा ने उसे शाप दिया कि तुम्हें न चाहनेवाली किसी स्त्री के साथ भविष्य में बलात्कार करते ही तुम्हारी मृत्यु हो जाएगी।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
शर्मा, लीलाधर भारतीय चरित कोश (हिन्दी)। भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: शिक्षा भारती, दिल्ली, पृष्ठ 419।
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
Retrieved from "https://en.bharatdiscovery.org/w/index.php?title=नलकूबर&oldid=222998"